Hindi shayari

 

उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाक़ी हैं
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाक़ी हैं
क्या हुआ अग़र देख कर मुँह फ़ेर लेते है वो
तसल्ली हैं कि अभी तक पहचान बाक़ी हैं

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